PCOS PCOD से महिलाओ के मासिक धर्म (Menstrual Cycle) के साथ प्रजनन क्षमता (Fertility) पर भी असर पड़ता है, और महिला गर्भधारणा करने में असमर्थ हो जाती है। अगर PCOD का इलाज न किया जाए तो आगे जाकर यह गर्भाशय के कर्करोग (Cancer) का रूप भी ले सकती है।
महिलाओ के अंडाशय में Androgen Hormones के असंतुलन, सामान्य से अधिक मात्रा में ये हार्मोन निर्मिति होने पर ये रोग उत्पन्न होता हैं, ये रोग महिलाओ में बच्चा पैदा करने की आयु या आज कल तो 15 साल की आयु में भी पाया जाता हैं, महिलाओं की जो प्रजनन प्रणाली होता हैं जिसमे गर्भाशय, fellopin tube, और 2 अंडाशय (ovaries जहाँ अंडा तैयार होता हैं) होते हैं, ovaries में कुछ हार्मोन निकलते हैं, जिनकी नियमितता pitutory ग्रंथि द्वारा की जाती हैं, pitutory ग्लैंड हमारी बॉडी की मुख्य ग्रंथि हैं, इसमें अलग अलग तरह के हार्मोन निकलते हैं जो हमारी शरीर के अलग अलग भागों को नियमित रूप से कार्य करने में सहयोग देते हैं, pitutory ग्लैंड में गड़बड़ी के कारण भी ये रोग होने की सम्भावना अधिक बढ़ जाती हैं। इसकी गड़बड़ी से थाइरोइड रोग उत्पन्न होता हैं। इसलिए महिलाओ को पहले थाइरोइड रोग को सही करने के लिए कदम उठाने चाहिए। मधुमेह एक और समस्या हैं जिस कारण से ये रोग होने की आशंका अधिक हो जाती हैं, इसलिए मधुमेह नियंत्रण भी अहम हैं इस रोग के उपचार में। शरीर में इन्सुलिन रेसिस्टेंट की समस्या के कारण भी ये रोग हो जाता हैं जिसमे शरीर में इन्सुलिन तो बनता हैं, मगर सेल इसको ग्रहण नहीं कर पाते, जिस कारण से खून में मधुमेह बढ़ जाता हैं। । और ये रोग माँ से बेटी में भी आ सकता हैं, यानी के अनुवांशिक भी हो सकता हैं।
इस कारण से महिलाओ के मासिक धर्म (Menstrual Cycle) के साथ प्रजनन क्षमता (Fertility) पर भी असर पड़ता है, और महिला गर्भधारणा करने में असमर्थ हो जाती है।
अगर PCOD का इलाज न किया जाए तो आगे जाकर यह गर्भाशय के कर्करोग (Cancer) का रूप भी ले सकती है।
PCOD में मुख्यत लक्षण दिखने में आते हैं।
अनियमित माहवारी
बांझपन / बार बार गर्भपात
वजन का बढ़ना
चेहरे पर या शरीर पर अवांछनीय बाल आना
मुहांसे
यौन इच्छा में अचानक कमी आ जाना
अगर आपको इन में से कोई भी 2 या 3 लक्षण भी दिखते हैं तो आप इसकी जांच ज़रूर करवाये।
PCOD का निदान करने के लिए निम्नलिखित परिक्षण किया जाता है :
Ultra Sound Scan of Pelvis / Vagina
Serum LH
Serum FSH
LH : FSH ratio
DHEA-S Level
उपचार के दौरान हर महीने sonography कराती रहें ।
बदलती जीवन शैली इसका मुख्य कारण हैं, आलसी जीवन, तनाव, पूरा दिन घर में ही घुसे रहना, कसरत ना करना
असंतुलित आहार ज्यादा तेलयुक्त, वसायुक्त और मीठा आहार।
जंक फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक्स, वज़न बढ़ना ये सब इसके कारण हैं।
भोजन में पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल्स और कैल्शियम की कमी।
धूम्रपान और शराब का सेवन।
देर रात तक जागना भी हार्मोन इम्बैलेंस में बड़ा कारण हैं। सुबह सूर्य उदय से पहले उठे और रात को 10 बजे तक सो जाए।
तनाव एक बड़ा कारण हैं, इसलिए खुश रहने का प्रयास करे।
कैफीन का सेवन, कैफीन कॉफ़ी में या एनर्जी ड्रिंक्स में या अनेको पैक्ड प्रोडक्ट में पाया जाता हैं, जहाँ तक संभव हो पैक्ड फ़ूड से परहेज करे।
PCOD होने के पीछे मधुमेह (Diabetes) THYROID और उच्च रक्तचाप (Hypertension) जैसे रोग भी एक बड़ी वजह है। अगर Cholesterol का बढ़ना, HDL कम होना या उच्च Triglycerides के वजह से भी PCOD हो सकता है।
परिवार में किसी को PCOD का इतिहास है तो अनुवांशिकता यह भी एक कारण है।
मोटापा (Obesity) : आज की युवा पीढ़ी में मोटापा एक बहोत बड़ी समस्या के रूप में उभरा है। ऐसे तो मोटापा कई बीमारियो का घर है परन्तु मोटापे में शरीर में बढ़ी हुई अत्याधिक चर्बी के कारण Estrogen hormone की निर्मिति सामान्य से ज्यादा होती है, जो की अंडाशय में cyst बनाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
तनाव (Stress) : आज के दौड़भाग के युग में बढ़ रहे तनाव के कारण लोगो का खानपान और दिनचर्या बिगड़ चुकी है। धूम्रपान, शराब, देर रात का खाना इत्यादि कारणों से भी hormonal imbalance होता है।
PCOS – PCOD घरेलु आयुर्वेदिक सरल उपचार
अलसी में ओमेगा ३ होता हैं, जो हार्मोन इमबैलन्स में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं, इसका सेवन इस रोग से लड़ने में बहुत सहयोगी हैं।
बादाम और अखरोट भी बहुत उपयोगी हैं। आप सुबह नाश्ते में इसका एक ड्रिंक बनाये, 5 बादाम 5 अखरोट की गिरी और 5 ग्राम अलसी के बीज डाल कर पहले मिक्सर में ग्राइंड कर लीजिये फिर गाय का एक गिलास गर्म दूध पीने लायक इसमें डाल कर शेक कर लीजिये, इस शेक को नाश्ते में पीजिये। ये शेक बहुत फायदेमंद हैं।
नाश्ते में अंकुरित अनाज ले। इसके लिए आप गेंहू दालों और जौ को अंकुरित कीजिये। ये बहुत ही फायदेमंद हैं PCOD के लिए।
भोजन में जौ का थोड़ा मोटा आटा इस्तेमाल करे। इसका Glycemic Index (GI) बहुत कम होता हैं, जिस से पैंक्रियास अधिक सक्रिय होता हैं और अधिक इन्सुलिन स्त्राव करता हैं, जिस से रक्त शर्करा नियंत्रित रहती हैं। और वज़न नियंत्रण करने में बहुत सहयोगी हैं।
दाल चीनी :- ये मसालों में श्रेष्ठ हैं, दालचीनी में hydroxychalcone मुख्य सक्रिय संघटक हैं, जो इंसुलिन के प्रभाव को बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी हैं। और ये मोटापे को भी रोकता हैं, हर रोज़ आधा चम्मच कम से कम इसको अपने भोजन में जगह दे।
मेथी दाना :- मेथी दाना रात को 3 चम्मच पानी में भिगो कर रख दे, सुबह 1 चम्मच मेथी दाना एक चम्मच शहद के साथ मिला कर खाएं, और ऐसा ही 1-1 चम्मच दोपहर और रात के भोजन के 10 मिनट पहले करे, इस से आपका इन्सुलिन लेवल सही रहेगा और खून में बढ़ी हुयी शर्करा नियंत्रित होगी।
ब्रोक्कोली ये एक प्रकार की पत्ता गोभी होती हैं, जिसमे विटामिन प्रचुर मात्र में होते हैं, और कैलोरीज भी बहुत काम होती हैं, ये PCOD के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इस का सेवन करने वाली महिलाओ को कभी भी ये रोग नहीं होता।
मशरुम का सेवन इस बीमारी में बहुत ही ज़्यादा फायदेमंद हैं, ये लो कैलोरी भोजन हैं जिसमें विटामिन बी २, बी ३, पाया जाता हैं, जो थाइरोइड से लड़ने और मधुमेह नियंत्रण में बहुत सहायक हैं। इसको नित्य अपने भोजन का हिस्सा बनाये।
हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने भोजन में स्थान दे।
पालक का सेवन इस बीमारी में बहुत ही ज़्यादा फायदेमंद हैं, इसको नित्य अपने भोजन का हिस्सा बनाये।
सलाद में टमाटर और खीरे का सेवन करे।
शकरकंद का इस्तेमाल बहुत ही उपयोगी हैं PCOD में।
विटामिन और मिनरल्स से भरपूर खाद्य पदार्थ भोजन में शामिल करे।
इसके इलाज में कैल्शियम बहुत उपयोगी हैं, इसलिए देसी गाय का दूध और दही बहुत फायदेमंद हैं, हर रोज़ २ गिलास गाय का दूध पीजिये और दही में गेंहू के दाने के समान चुना (जो पान में लगते हैं) डाल कर नित्य खाए। कैल्शियम अंडे को परिपक्व करने में और अंडाशय को विकसित करने में बहुत सहयोगी हैं। दही ना केवल कैल्शियम से भरपूर होता हैं, बल्कि ये मूत्राशय में होने वाले संक्रमण से भी बचता हैं , और चूना महिलाओ की समस्त बीमारियो के लिए बेहद उपयोगी हैं।
तरबूज़ भी एक सुपर फ़ूड हैं, इस को नित्य खाए। इस से PCOD में बहुत लाभ मिलता हैं।
मुलेठी :-
यह एक ऐसी हर्ब है, जिसे खाने से महिलाओ के शरीर में Androgen Hormones कम होने लगते हैं और PCOD से सुरक्षा मिलती हैं। यह महिलाओ के लिए हर प्रकार से लाभदायक होता हैं।
असली अशोका के पत्ते चटनी बना के या रस निकाल कर, सेब का सिरका, हल्दी, अदरक, लहसुन, निम्बू इत्यादि.
पुदीने की चाय बहुत उपयोगी हैं, इसके सेवन से इस रोग में बहुत फायदा होता हैं। ये Anti Androgen हैं।
PCOD के लिए वैद्यनाथ की काञ्चनार गुग्गुलु तथा वृद्धि बाधिका वटी की दो दो गोलियाँ प्रातः सायं चबा कर पानी से लें ।
PCOD के उपचार के लिए जीवन शैली में परिवर्तन ?
अगर आपका वजन बढ़ा हुआ है तो उसे कम करने का प्रयास करे। कई PCOD के मरीजों में केवल वजन कम करने से ही बेहद फायदा होते देखा गया है।