भोजन हमारे शरीर की मूलभूत आवश्यकता है जैसे मोटर गाड़ियों को चलने के लिए पेट्रोल डीजल आदि की आवश्यकता पड़ती है उसी प्रकार हमारे शरीर को भी भोजन की आवश्यकता पड़ती है भोजन से ही हमारे शरीर की जीवनी शक्ति बनी रहती है लेकिन यदि भोजन सही प्रकार से ना किया जाए तो यह हमारे शरीर के लिए अनेक व्याधियों का कारण बन सकता है इसी विषय में कुछ उपयोगी बातों पर प्रकाश डालते हैं जिनका यदि ध्यान रखा जाए तो हम अनेक प्रकार की बीमारियों से बच सकते है।
★ रात का भोजन हल्का लेना चाहिए क्योंकि रात को पाचन क्रिया मंद होती है इसलिए भारी भोजन आसानी से नहीं पचता ! हो सके तो रात को दलिया या खिचड़ी का भोजन लेना चाहिए
यह आसानी से हजम हो जाता है वृद्ध लोगों व कब्ज के रोगियों के लिए रात को दलिया लेना ज्यादा लाभदायक है।
★ भोजन करते समय टीवी मोबाइल फोन या दूसरों से वार्तालाप आदि ना करें भोजन करते समय ध्यान भोजन में ही रहना चाहिए ।
आजकल अधिकतर लोग भोजन करते समय टीवी चालू रखते हैं जिससे हमारा ध्यान भोजन की बजाय टीवी में दिखने वाली घटनाओं पर रहता है इससे या तो भोजन अधिक खाया जाता है या कम।
★ भोजन करते समय मन में ऐसा भाव रहना चाहिए कि हमें यह भोजन भगवान की तरफ से मिला है और इसके लिए भगवान का धन्यवाद भी करें ऐसा भाव रखने से भोजन कैसा भी हो उसकी उपयोगिता अपने आप बढ़ जाते हैं ।
★ भोजन में यदि खटाई वाले पदार्थ शामिल हाें तो भोजन के साथ या इसके तुरंत बाद दूध का सेवन नहीं करना चाहिए।
★ फल या सब्जी हमेशा सीजन के हिसाब से ही लेनी चाहिए कोल्ड स्टोर( cold store) के फल सब्जियों से हमेशा बचना चाहिए क्योंकि कोल्ड स्टोरेज में रखे हुए फल सब्जियों में न्यूट्रिएंट्स(nutrients) की कमी हो जाती है।
कुछ अत्यंत उपयोगी बातें जो श्री वाघभट्टाचार्य द्वारा लिखित प्रसिद्ध ग्रंथ अष्टांगहृदय मैं बताई गई हैं।
भोजन के तुरंत बाद निम्नलिखित कार्य नहीं करने चाहिए
1 धूप में बैठना
2 अग्नि शेकना
3 दोड़ लगाना
4 कसरत करना
5 घोड़े आदि की सवारी करना
6 निद्रा लेना
7 बहुत बोलना
अष्टांग हृदय के अनुसार भोजन के बाद यह दो कार्य करने चाहिए।
1 भोजन करने के बाद सो कदम तक धीरे धीरे टहलना चाहिए
2 कुछ देर तक बाईं करवट लेटना चाहिए