बहुत सारी मूलीयाँ मीठी होती है |
बहुत सारी फीकी होती है |
बहुत सारी तेज करारीयाँ.तासीर ठंडी होती है |
पेट के लिए लाभकारी है |
इसके प्रयोग से भोजन स्वादिष्ट लगता है |
पेट की गैस को दूर करती ही है, साथ में बदहज़मी और कब्ज में भी लाभकारी है |
सुबह मूली खाना अमृत है. दोपहर को मूली सलाद का काम देती है, रात को मूली खाना जहर का काम करती है।
अल्सर के लिए रामबाण है. मूली के चार पत्ते खाने से हिचकी बंद हो जाती है |
शूगर में मूली का रस लें |
मूली का रस आंतडियों के लिए Antiseptic का कार्य करता है |
पीलीया में कच्ची मूली लाभ देती है |
एक कप रस में मिश्री मिलाकर पीने से खट्टे डकार ठीक होते है|
मूली के रस में नमक और मिर्च डालकर पीने से पेट दर्द में आराम मिलता है |
मूली के 3 ग्राम बीज पीसकर लेने से गला साफ होता है |
जो लोग हमेशा मूली खाते है उनपर बिच्छू का डंक बेअसर ही रहता है |
एक गिलास मूली रस पीने से पेसाब की जलन शांत होती है |
गुर्दे की खराबी से अगर पेसाब बनना बंद हो गया हो तो मूली का रस जो-खार और कलमी शोरा मिलाकर दें |
बाबसीर जैसी समस्या में मूली का रस में काला नमक डालकर ले.