अनानास ऐसा फल है, जो खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, उसके फायदे भी उतने ही होते हैं। चाहे अनानास का जूस पिएं या उसे खाएं, हर तरह से यह फल शरीर को फायदा पहुंचा सकता है। इस फल में पौष्टिक तत्वों की भरमार है। खाने में रसीला और सेहत से भरपूर अनानास अपने आप में गुणों का खजाना है। अगर कोई व्यक्ति अनानास के लाभ से अनजान हैं, तो स्टाइलक्रेज का यह लेख उन्हीं के लिए है।
अनानास के फायदे के बारे में जो जानकारी नीचे दी जा रही है, उसे हमने वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर एकत्रित करने की कोशिश की है। हो सकता है कुछ मामलों में सटीक वैज्ञानिक प्रमाण की कमी हो, तो ऐसे में अनानास में मौजूद गुणों के आधार पर भी इसके स्वास्थ्य लाभ बताए गए हैं।
हड्डियों को लंबे समय तक मजबूत रखने के लिए खानपान में अनानास को शामिल किया जा सकता है। इसमें मैंगनीज होता है, जो हड्डियों को मजबूत रखने के लिए एक जरूरी खनिज माना जाता है। एनसीबीआई (NCBI- National Center for Biotechnology Information) के अनुसार महिलाओं के लिए 1.8 मिलीग्राम/दिन और पुरुषों के लिए 2.3 मिलीग्राम/दिन मैंगनीज की जरूरत होती है (2)। वहीं, 100 ग्राम अनानास में 0.927 मिलीग्राम मैंगनीज पाया जाता हैं। इसलिए मैंगनीज की पूर्ति करके अनानास हड्डियों को मजबूती प्रदान कर सकता है। इसके अलावा, अनानास में कैल्शियम भी मौजूद होता है और कैल्शियम हड्डियों स्वास्थ्य के लिए क जरूरी पोषक तत्व के रूप में जाना जाता है (3) (4)। इन दोनों जरूरी पोषक तत्वों के आधार पर हड्डियों के लिए अनानास का सेवन किया जा सकता है।
अनानास का घटक ब्रोमेलेन अस्थमा के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। यह अस्थमा के कारण श्वास मार्ग (Airway) में होने वाली सूजन को कम कर सकता है। एनसीबीआई में छपी एक स्टडी के अनुसार, अनानास के अर्क (ब्रोमेलेन) में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो श्वास मार्ग की सूजन को कम करके अस्थमा के लक्षणों से राहत दे सकते हैं(5)। हालांकि, ध्यान रहे कि इसके साथ डॉक्टर द्वारा बताई दवाइयों का सेवन भी जरूरी है।
अनानास में पाया जाने वाला यौगिक ब्रोमेलेन अच्छा एंटीबैक्टीरियल तत्व भी है। यही कारण है कि इसे दन्त चिकित्सा में एंटीइंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाली) और एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है (6)। साथ ही एक शोध के अनुसार, ब्रोमेलेन में एंटी-प्लाक (anti-plaque) और एंटी-जिंजिवाइटिस (anti-gingivitis) गुण पाए जाते हैं। ये गुण दांतों के ऊपर बैक्टीरिया युक्त परत (प्लाक) को जमने से रोक सकते हैं, जिससे जिंजिवाइटिस (मसूड़ों में सूजन) नामक रोग होने का जोखिम कम हो सकता है(7)। साथ ब्रोमेलेन दांतों की चमक और सफेदी बरकरार रखने में मदद कर सकता है (8)। इन्हीं गुणों के चलते इसे मुंह की स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जा सकता है।
अनानास का सेवन करने से हृदय स्वास्थ्य बना रह सकता है। इसमें कार्डियोप्रोटेक्टिव यानी ह्रदय तंत्र की रक्षा करने वाले गुण मौजूद हैं। इसमें डायटरी फाइबर की उच्च मात्रा मौजूद होती है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को सीमित कर सकता है। आहार फाइबर शरीर के स्वास्थ्य रखरखाव के लिए आवश्यक है। दरअसल, डायटरी फाइबर का सेवन हृदय रोग, मोटापा और टाइप 2 मधुमेह की समस्या से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है (9)।
वजन कम करने में अनानास का रस सहायक हो सकता है। चूहों पर की गई स्टडी में पाया गया है कि अनानास का रस एंटी-ओबेसिटी तत्व की तरह काम कर सकता है। इसके सेवन से लिपोजेनेसिस (lipogenesis – वसा बनने की चयापचय प्रक्रिया) में कमी आ सकती है और लिपोलिसिस (lipolysis – फैट और अन्य लिपड टूटने की प्रक्रिया) में वृद्धि हो सकती है। अनानास के रस में पाया जाने वाला यह गुण वजन कम करने में सहायक हो सकता है (10)। इसके अलावा, एक गिलास अनानास का जूस शरीर को दिन भर के लिए हाइड्रेट रखने में मदद कर सकता है, ऊर्जा दे सकता है और साथ ही मेटाबॉलिज्म को बढ़ा सकता है। इसलिए भी इसका सेवन वजन कम करने के लिए फायदेमंद हो सकता है।
सर्दी और जुकाम में भी अनानास के सेवन के फायदे देखे जा सकते हैं। गले और नाक से जुड़ी स्वास्थ्य समस्या कैटर (Catarrh-सर्दी-जुकाम) के लक्षणों से यह राहत दे सकता है। इस समस्या में म्यूकस मेंब्रेन में सूजन आ जाती है और अधिक बलगम जमने लगता है। अनानास में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इस समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (11)। हालांकि, इस बारे में अभी शोध की आवश्यकता है, लेकिन हल्की-फुल्की समस्या में इसका सेवन किया जा सकता है।
जी मिचलाने की परेशानी में भी अनानास लाभकारी हो सकता है। यह समस्या चाहे सुबह-सुबह होने वाली मॉर्निंग सिकनेस हो या यात्रा के दौरान होने वाली मोशन सिकनेस, इसका सेवन मददगार साबित हो सकता है (11), लेकिन इस बारे वैज्ञानिक शोध की कमी है कि इसके कौन से गुण जी मिचलाने की समस्या को कम कर सकते हैं। हां, अनानास एक खट्टा-मीठा फल है, ऐसे में इसके स्वाद को जी मिचलाने की समस्या से राहत दिलाने का कारक माना जा सकता है।
कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसके इलाज के लिए लंबी चिकित्सा प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। विज्ञान भी इसके सटीक उपचार के लिए लगातार कोशिश कर रहा है, लेकिन खान-पान का ध्यान रखें] तो कैंसर से बचाव संभव है (12)। अनानास भी उन खाद्य पदार्थों में शामिल है, जो कैंसर से बचाव में कारगर माने जाते हैं। इसका प्रमुख एंजाइम ब्रोमेलेन कैंसर कोशिकाओं के विकास में बाधा बन सकता है। पेट के कैंसर (Advanced colorectal cancer) के बारे में की गई एक रिसर्च के अनुसार, ब्रोमेलेन फ्री रेडिकल्स से लड़ने वाले रिएक्टिव ऑक्सीजन कणों (Reactive oxygen species) और ऑटोफैगी (मृत कोशिकाओं की प्राकृतिक सफाई) को एक्टिव करके कैंसर के जोखिम को रोक सकता है (13)। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अन्य अध्ययन के अनुसार, ब्रोमेलेन की एंटी-प्लेटलेट गतिविधि भी कैंसर के जोखिम में हस्तक्षेप कर सकती है। इतना ही नहीं इसमें मौजूद एंटी-कैंसर गुण भी कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोक सकता है और कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है (14)।
जैसा कि लेख में बताया गया है कि अनानास में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसलिए, इसका सेवन सूजन और उससे जुड़ी समस्याओं से निपटने में कारगर हो सकता है (1)। दरअसल, इसमें मौजूद एंजाइम ब्रोमेलेन में सूजन कम करने के गुण मौजूद होते हैं, इसी गुण के कारण यह एक्यूट साइनसाइटिस, गले में खराश, गठिया और गाउट जैसी सूजन की समस्याओं से निजात पाने में सहायक हो सकता है (15)।
अनानास में कई फाइटोकेमिकल्स (प्राकृतिक रसायन) हैं, जैसे कि कौमेरिक एसिड (Coumaric acid), फेरुलिक एसिड (Ferulic acid), क्लोरोजेनिक एसिड (Chlorogenic acid) और एलेजिक एसिड (Ellagic acid)। इसके साथ ही इसमें विटामिन सी, मैंगनीज, थियामिन, राइबोफ्लेविन, पाइरिडोक्सिन, कॉपर और फाइबर जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (जरूरी पोषक तत्व) भी हैं। ऐसे में अनानास और उसके मुख्य घटक ब्रोमेलेन का सेवन करने से शरीर में उन कई जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति की जा सकती है, जो प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने में सहायक हो सकते हैं (16)। अनानास में ब्रोमेलेन के अलावा, विटामिन-सी की भी अच्छी मात्रा में पाई जाती है, जो इम्यून पावर में सुधार करने में सहायक हो सकता है।
अनानास के फायदे की बात की जाए, तो यह पाचन के लिए भी लाभकारी हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, पेड़-पौधों से मिलने वाले एंजाइम जैसे ब्रोमेलेन, पाचन को दुरुस्त रखने में सहायक हो सकता है। ब्रोमेलिन ऐसा एंजाइम है, जो प्रोटीन को तोड़ने में सहायक हो सकता है, जिससे पाचन क्रिया आसान हो सकती है (17)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि अनानास का सेवन पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में सहायता कर सकता है।
अनानास में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो कई तरह की सूजन की स्थितियों से निपटने में मदद कर सकते हैं। ये ब्रोन्कियल ट्यूब में सूजन को कम करने में भी मदद कर सकते हैं, जो आमतौर पर ब्रोंकाइटिस के कारण होती है (1) (18)। साथ ही इसमें कुछ एंटी माइक्रोबियल गुण भी पाए जाते हैं, जो ब्रोंकाइटिस के लक्षणों से राहत दे सकते हैं (19)।
रक्तचाप को सामान्य रखने में भी अनानास खाने के फायदे हो सकते हैं। इसमें मौजूद पोटैशियम की उच्च मात्रा और सोडियम की कम मात्रा रक्तचाप स्तर को सामान्य रखने में मदद कर सकती है (20)। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति ब्लड प्रेशर की दवा का सेवन कर रहा है, तो इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टरी परामर्श भी जरूर लें।
अनानास में सीमित मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में मुक्त कणों से लड़ने में मदद कर सकते हैं। अनानास की यह गतिविधि स्वास्थ्य के लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये मुक्त कण यानी फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाव कर सकते हैं। अपने एंटी एंटीऑक्सीडेंट गुणों के चलते ही यह किडनी और उसकी कार्यप्रणाली को सुरक्षा देने में भी कारगर हो सकता है (21)। इसके साथ ही अनानास विटामिन- ए जैसे एंटीऑक्सीडेंट का भी अच्छा स्रोत है इसलिए यह आंखों के लिए भी अच्छा हो सकता है। तो एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों की श्रेणी में अनानास को शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
सेहत के लिए अनानास कितना फायदेमंद होता है, यह आप जान चुके हैं, लेकिन त्वचा के लिए भी अनानास खाने के फायदे हो सकते हैं। एनसीबीआई में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अनानास के मुख्य घटक ब्रोमेलेन पिटेराइसिस लाइकेनोइड्स क्रोनिका (Pityriasis lichenoides chronica- त्वचा संबंधी समस्या) नामक त्वचा रोग के उपचार में सहायक हो सकता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले और एंटी-वायरल गुण त्वचा को सुरक्षा प्रदान करने में सहायक हो सकते हैं (22)। साथ ही में अनानास में सल्फर के कुछ यौगिक पाए जाते हैं, जिनमें एंटी-ब्राउनिंग (anti-browning effect) प्रभाव पाया जाता है। इस प्रभाव के चलते अनानास त्वचा में निखार लाने में सहायक हो सकता है (23)।
जैसा कि अभी लेख में ऊपर बताया गया है कि अनानास में सल्फर के कुछ यौगिक मौजूद होते हैं, इसलिए यह त्वचा के साथ- साथ बालों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि बालों की ऊपरी परत और नाखून केराटीन से बने होते हैं, यह एक मजबूत प्रोटीन होता है, जो लचीले सल्फर यौगिकों से बना होता है। ऐसे में, माना जा सकता है कि सल्फर युक्त अनानास इस प्रोटीन (केराटीन) का निर्माण करने में मददगार हो सकता है और बालों को सुंदर व मजबूत बना सकता है (24)।
लेख अंत तक पढ़ें
लेख के अगले भाग में जानते हैं कि अनानास में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।
नीचे हम बता रहे हैं कि 100 ग्राम अनानास में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व होते हैं और उनकी मात्रा कितनी होती है (3)।
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
पानी | 86 ग्राम |
एनर्जी | 50 केसीएएल |
प्रोटीन | 0.54 ग्राम |
टोटल लिपिड (फैट) | 0.12 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 13.12 ग्राम |
फाइबर (टोटल डाइटरी) | 1.4 ग्राम |
शुगर | 9.85 ग्राम |
कैल्शियम | 13 मिलीग्राम |
आयरन | 0.29 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 12 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 8 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 109 मिलीग्राम |
सोडियम | 1 मिलीग्राम |
जिंक | 0.12 मिलीग्राम |
कॉपर | 0.11 मिलीग्राम |
मैगनीज | 0.927 मिलीग्राम |
सेलेनियम | 0.1 माइक्रोग्राम |
विटामिन सी | 47.8 मिलीग्राम |
थियामिन | 0.079 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.032 मिलीग्राम |
नियासिन | 0.5 मिलीग्राम |
विटामिन बी-6 | 0.112 मिलीग्राम |
फोलेट (डीएफई) | 18 माइक्रोग्राम |
विटामिन ए (आईयू) | 58 IU |
विटामिन के | 0.7 माइक्रोग्राम |
फैटी एसिड (सैचुरेटेड) | 0.009 ग्राम |
फैटी एसिड (मोनोअनसैचुरेटेड) | 0.013 ग्राम |
फैटी एसिड (पॉलीअनसैचुरेटेड) | 0.04 ग्राम |
आगे जानते हैं, अनानास के सेवन के तरीकों के बारे में ।
अनानास का सेवन करने के कई तरीके हो सकते हैं, जैसे :
अगर किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य सही है, तो वह अनानास का सेवन कभी भी कर सकता है। जैसा कि इस लेख में बताया गया है कि अनानास का सेवन करने से पाचन क्षमता में सुधार हो सकता है। ऐसे में इसका सेवन खाना खाने के बाद किया जा सकता है। इसके अलावा, सुबह नाश्ते के दौरान अनानास के जूस का सेवन किया जा सकता है, वहीं अनानास का सेवन हेल्दी स्नैक्स के रूप में कभी भी कर सकते हैं।
यूएसडीए (U. S. Department of Agriculture) के अनुसार, फलों के सेवन की दैनिक मात्रा उम्र, लिंग और शारीरिक गतिविधि के स्तर पर निर्भर करती है। प्रत्येक व्यक्ति दिन में 1 से 2 कप फलों का सेवन कर सकता है (25)। अगर अनानास की बात की जाए तो स्वस्थ व्यक्ति दिन भर में 1 कप कटे हुए अनानास का सेवन कर सकता है।
आगे है और जानकारी
आइए, लेख में आगे जानते हैं कि अनानास का जूस किस प्रकार तैयार किया जा सकता है।
सामग्री :
बनाने की विधि :
अधिक जानकारी आगे है