गाउट: लक्षण, कारण, आहार और घरेलु नुस्खे
Book a visit or call us



CONTACT INFO


+91-93840-00013

info@radeonpharma.com

Book appointment

गाउट: लक्षण, कारण, आहार और घरेलु नुस्खे

गाउट क्या है

गाउट, रक्त में यूरिक एसिड के स्तर के बढ़ जाने के कारण होने वाली बीमारी है। इसे हिंदी में “वातरक्त” भी कहा जाता है। यह गठिया का एक प्रकार है और मुख्य रूप से शरीर में हड्डियों के जोड़ों को प्रभावित करता है।

क्या होती है गाउट

गाउट (Gout) गठिया का एक जटिल रूप है जो किसी को भी प्रभावित कर सकता है। गाउट (Gout) को हिंदी में वातरक्त कहा जाता है। गाउट होने का मुख्य कारण है रक्त में यूरिक एसिड (Uric acid) का स्तर बढ़ जाना। शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाने पर यूरिक एसिड के क्रिस्टल बनने लगते हैं और शरीर में हड्डियों के जोड़ों में जम जाते हैं, लिकिन मुख्य तौर पर यह पैर की उंगलियों के सबसे बड़े जोड़ (पैर का अंगूठा) को अधिक प्रभावित करता है।

क्या है यूरिक एसिड बढ़ने के कारण

ज्यादातर रक्त में यूरिक एसिड का स्तर तब बढ़ता है जब शरीर में प्यूरीन अधिक बनता है या भोजन के माध्यम से शरीर अधिक प्यूरीन ग्रहण कर लेता है, इसके अलावा किडनी की कार्यक्षमता कम होने के कारण भी यूरिक एसिड के स्तर में बढ़ोत्तरी होती है। कभी-कभी दोनों स्थितियाँ ही एक साथ हो जाती हैं। यूरिक एसिड बढ़ने के कारण निम्नलिखित हैं-

  • वजन अधिक होने या मोटापे के कारण भी यूरिक एसिड में बढ़ोत्तरी होती है।
  • मूत्रवर्धक दवाओं (diuretics) का अधिक सेवन
  • अधिक प्यूरीन वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना
  • शराब या अन्य मादक पदार्थों का सेवन करना
  • अनुवांशिक समस्याएँ (inherited tendencies)
  • हाइपोथायरायडिज्म Hypothyroidism (underactive thyroid)
  • किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाना या किडनी की खराबी हो जाना
  • कीमो थैरिपि जैसे इलाज जिनसे शरीर में मृत कोशिकाओं की बढ़ोत्तरी होती है।
  • रक्त कैंसर जैसे कई तरह के कैंसर।

गाउट के लक्षण

गाउट के लक्षण आम तौर पर अचानक सामने आते हैं, अक्सर रात के समय में गाउट अपने लक्षण प्रकट करता है जिन्हें गाउट अटैक के नाम से भी जाना है। इसको अंग्रेजी में एक्यूट गौटी आर्थराइटिस (acute gouty arthritis) भी कहा जाता है। क्या है वे लक्षण जानिए-

  • जोड़ों में तेज दर्द गाउट आमतौर पर मरीज के पैर की सबसे बड़ी उंगली (अंगूठा) के जोड़ को प्रभावित करता है। लेकिन यह अन्य जोड़ों जैसे- टखने, घुटने, कोहनी, कलाई और उंगलियों को भी प्रभावित कर सकता है। इसमें मरीज दर्द की शुरूआत में 4 से 12 घँटे गंभीर दर्द महसूस करता है।
  • सुस्ती और बेचैनी– कुछ घंटों के गंभीर दर्द के बाद जोड़ों में कुछ दिन या सप्ताह तक बेचैनी और असुविधा रह सकती है। इसके बाद गाउट अटैक में गंभीर दर्द से जोड़ों को प्रभावित करने की आशंका रहती है।
  • सूजन और लालपन गाउट से प्रभावित जोड़ सूजे हुए, नाजुक, और लाल हो जाते हैं साथ उनमें जलन भी महसूस होती है।
  • प्रभावित जोड़ की गति में बदलाव आना– अगर मरीज का गाउट बढ़ रहा है तो वह प्रभावित जोड़ को पहले की तरह हिलाने में असमर्थ महसूस करता है।

अल्पकालीन और दीर्घकालीन गाउट

गाउट को मुख्या तौर पर दो रूपों में बांटा गया है अल्पकालीन गाउट (Acute gout) और दीर्घकालीन गाउट (Chronic gout)।

  • अल्पकालीन गाउट (Acute gout) – अल्पकालीन गाउट, गाउट का एक दर्दनाक रूप है जिसमें मरीज के शरीर के 1-2 जोड़ प्रभावित होते हैं। मरीज इसके लक्षणों को केवल गाउट के अटैक के समय ही महसूस कर सकता है, जो आम तौर पर कुछ दिनों या सप्ताह तक रहता है और इसके बाद मरीज सहज महसूस कर सकता है। यदि अल्पकालीन गाउट का अटैक बार-बार हो रहा है तो यह दीर्घकालीन गाउट में भी बदल सकता है।
  • दीर्घकालीन गाउट (Chronic gout)- दीर्घकालीन गाउट में गाउट अटैक बार-बार आते हैं, इसमें 2 से अधिक जोड़ प्रभावित होते हैं। इसमें दर्द में केवल कुछ ही समय के लिए आराम मिलता है और ज्यादातर लक्षण महसूस होते रहते हैं। दीर्घकालीन गाउट जोड़ों की स्थायी क्षति और विकृति का कारण बन सकता है।

गाउट से जुड़ी कुछ अन्य स्थितयाँ

  • बारबार होने वाला गाउट– कुछ लोगों को गाउट होने के बावजूद भी संकेत और लक्षण दिखाई नहीं देते, और कुछ लोगों को एक साल में कई बार इसके लक्षण महसूस होते हैं। इस तरह के गाउट का इलाज दवाओं से किया जा सकता है। इसका समय पर इलाज कराना जरूरी है अन्यथा यह जोड़ की विकृति का कारण बन सकता है।
  • विकसित या अग्रवर्ती गाउट– गाउट का समय पर इलाज नहीं किया जाता तो यह विकसित हो जाता है और यूरिक क्रिस्टल शरीर के जोड़ों – हाथ की उंगली, पैर की उंगली आदि पर जम जाता है। इस जमी हुई संरचना को टोफी(tophi) कहते हैं। टोफी आम तौर पर दर्दनाक नहीं होते लेकिन गाउट के अटैक के समय बहुत परेशानी देते हैं।
  • किडनी की पथरी- यूरेट क्रिस्टल से किडनी में पथरी हो सकती है। इस पथरी को दवाओं या सर्जरी के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।

गाउट अटैक को बढ़ावा देने वाले कारक

ऐसी कुछ चीजे और कारक हैं जो गाउट के अटैक को बढ़ावा देते हैं, जाहिर है कि गाउट के मरीज को इन कारकों से दूरी बनानी चादिए जिससे उन्हें गाउट के अटैक से होने वाली पीड़ाओं में आराम मिले। क्या हैं वे कारक जानिए-

  • आहार– खाने में अधिक प्यूरिन युक्त आहार लेने से बचना चाहिए जैसे- लाल मांस, खास अंग का मास जैसे-लीवर, समुद्री खाद्य पदार्थ और पालक, बीन्स और मटर जैसी सब्जियाँ।
  • मादक (Alcohol) पेय पदार्थ बीयर और शराब जैसे मादक पेय, रक्त में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकते हैं जो गाउट के मरीज के लिए खतरनाक होता है।
  • दवाएँ कुछ दवाएं जिन्हें लोग अन्य स्थितियों के लिए लेते हैं – जैसे उच्च रक्तचाप या दिल की बीमारी, साथ ही मूत्रवर्धक, बीटा-ब्लॉकर्स और साइक्लोस्पोरिन जैसी दवाएँ भी गाउट के अटैक को भड़का सकती हैं। अगर आपका विशेषज्ञ आपको कोई नई दवा देना चाहते है तो पहले उसे उपने गाउट के बारे में जरूर बताएँ।
  • पानी की कमी जब आपके शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो यूरिक एसिड का स्तर बड़ जाता है जो गाउट में परेशानी बन जाता है। इसलिए गाउट के मरीज को पानी अधिक मात्रा में पीना बहुत जरूरी है।
  • फ्रुक्टोजयुक्त पेय पदार्थ– फ्रुक्टोज युक्त मीठे पेय जैसे- सोडा औऱ कोल्ड-ड्रिंक जैसे पदार्थ लेने से बचें। फ्रुक्टोज-युक्त पदार्थ गाउट अटैक को भड़का सकता है।
  • स्वास्थ्य स्थितियाँ- मोटापा, मधुमेय, उच्च-रक्त चाप या कोई किडनी से संबंधि बीमारी भी यूरिक एसिड पर प्रभाव डालती है जो गाउट के मरीज के लिए सही नहीं होता।

गाउट का इलाज और दवा

प्रत्येक मरीज की बीमारी समान हो सकती है, लेकिन बीमारी की गंभीरता, चरण और स्वास्थ्य स्थितियाँ नहीं। एक मरीज को कभी दूसरे मरीज के इलाज का पालन नहीं करना चाहिए। अपनी सभी समस्याओं को लेकर विशेषज्ञ से उचित सलाह लेकर ही किसी तरह का इलाज शुरु करना चाहिए।

गाउट के इलाज के लिए आमतौर पर दवाओं का उपयोग किया जाता है। ये दवाए मरीज का विशेषज्ञ उसकी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति, बीमारी की गंभीरता, बीमारी के चरण और अन्य प्रथमिकताओं को ध्यान में रखकर निर्धारित करता है।

गाउट में दवाओं द्वारा इलाज जोड़ों में होने वाली पीड़ा को रोकने के लिए दर्द निवारक दवाओं (NSAIDs) और कोल्चिसिन का उपयोग किया जाता है। साथ ही गाउट के अटैक को रोकने के लिए एलोप्यूरिनोल (ज़ायलोरिक), फेबक्सोस्टैट जैसी दवाओं का उपयाग किया जाता है।

दवाओं के इलाज के साथ-साथ मरीज का विशेषज्ञ उसे जीवनशैली में कुछ बदलाव करने की सलाह भी दे सकता है। जैसे- मोटोपा कम करना, धूम्रपान न करना, मादक पादर्थों का सेवन न करना।

गाउट के इलाज के लिए घरेलू नुस्खे

गाउट के लिए चिकिस्कीय इलाज के साथ-साथ घरेलू उपचार भी कारगर हैं लेकिन इन्हें अपनी इच्छानुसार कभी न आजमाएँ विशेषज्ञ की सलाह से ही कोई कदम उठाएँ। क्या गाउट में काम आने वाले घरेलू नुस्खे-

  • ठंडे पैक की सिकाई– अगर गाउट के अटैक से जोड़ों में तेज दर्द और जलन होने पर ठंडे पैक (cold pack) से सिकाई करें।
  • जोड़ों को आराम दें– जब धीरे-धीरे दर्द कम हो जाए तो जोड़ों को किसी तकिए पर रखकर आराम दें।
  • पानी पिएं– जब गाउट से पीड़ा हो तो अधिक से अधिक पानी पिएं क्योंकि शरीर में पानी की कमी होने से यूरिक एसिड का स्तर अधिक हो जाने से गाउट अटैक में जोड़ों में होने वाली पीड़ा में आराम मिलता है।
  • खानेपीने का ध्यान रखें– गाउट में आहार संबंधी प्रतिबंधों का खास तौर पर ध्यान रखें। जो भी खा रहें है वह देख लें कि यह गाउट में खा सकतें हैं या नहीं।

गाउट में कैसा हो आहार

गाउट होने का मुख्य कारण होता है रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाना, तो जाहिर है कि आहार वह होना चाहिए जिससे रक्त में यूरिक एसिड का स्तर नियंत्रित रह सके। क्या हैं वे खाद्य पदार्थ जो गाउट के मरीज को नहीं खाना चाहिए-

  • मांस खास कर लाल (red meats)
  • कोल्ड ड्रिंक्स, डिब्बाबंद फल, आइसक्रीम जैसे उच्च फ्रुक्टोज वाले खाद्य पदार्थ जैसे- कॉर्न सिरप युक्त खाद्य पदार्थ
  • खास अंग का मास जैसे- लीवर
  • (anchovies, sardines, scallops, and mussels) जैसे समुद्री खाद्य पदार्थ
  • (tuna, cod, herring, and haddock) जैसी मछिलाँ
  • पालक, मटर, बीन्स और मशरूम जैसी सब्जियाँ
  • बीयर और मादक पेय (alcoholic beverages)
  • खमीर से बने खाद्य पदार्थ जैसे- ब्रेड आदि बेकरी उत्पाद

गाउट में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ

  • जितना हो सके पानी पिएं
  • ऐसे डेयरी उत्पाद जिनमें कम वसा हो जैसे- दूध, दही और पनीर
  • अनाज और मांड (स्टार्च)
  • लगभग सभी तरह के फल
  • विटामिन-सी का सेवन जैसे संतरा, अनानास, स्ट्रॉबेरी, बेल मिर्च, टमाटर और एवोकैडो
  • विशेषज्ञ की सहाह के अनुसार हल्का प्रोटीन जैसे दालें, और बहुत ही सीमित मत्रा में मछली और अंडे

logo-white-footer
Established in 2008, Radeon Pharma is one of the leading pharmaceutical manufacturing companies in India located at Phagwara, (Punjab). We hold expertise in producing finest quality of pharmaceutical products like Tablets, Capsules, Syrups, Oils and Anti Oxidants. We have production plant installed with latest machines, tools and equipment. All facilities are built abiding to the current guideline

Quick Contact

Copyright by Radeon Pharma 2017. All rights reserved.