आईये जानते हैं – विटामिन की कमी से होने वाले रोग के विषय में
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आईये जानते हैं – विटामिन की कमी से होने वाले रोग के विषय में

मानव शरीर अलग अलग पोषकों से मिलकर बना है। मानव या अन्य किसी भी जीव को शरीर से जुड़ी किसी भी क्रिया को करने के लिए पोषण की आवश्यकता होती है। ये पोषण उन्हे ऊर्जा प्रदान करते हैं। जिस प्रकार ऊर्जाएं अलग अलग प्रकार की होती हैं, उसी प्रकार पोषण भी अलग अलग होते हैं। 

कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज लवण, कैल्शियम इत्यादि पोषण के प्रकार है। विटामिन भी पोषण में से एक है और यह पोषण का एक बड़ा भाग है। 

विटामिन के भी कई सारे प्रकार होते हैं और जब इनमें से किसी भी प्रकार की शरीर में कमी (कुपोषण) हो जाए तो उसे विटामिन की कमी (Vitamin Deficiency) कहा जाता है। अलग अलग विटामिनों की होने वाली कमियों से अलग अलग रोग होते हैं। जिस प्रकार अलग अलग विटामिन के स्रोत भी अलग अलग होते हैं।

विटामिन के प्रकार

विटामिन के प्रकार हैं :- ए, बी, सी, डी, ई, के, विटामिन बी इन सभी विटामिनों में से सबसे विस्तृत विटामिन है इस कारण उसके उपभाग :- बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी7, बी9 और बी12 मौजूद हैं।

विटामिन ए Vitamin A

विटामिन ए को रासायनिक तौर पर रेटिनॉल कहा जाता है। यह रतौंधी नामक रोग को दूर करने में सहायक होता है जो कि मुख्यतः आँखों से जुड़ा होता है। 

लाभ Benifits Of Vitamin A 

  • विटामिन ए के नियमित सेवन से आंखों से जुड़े सभी रोगों से बचा जा सकता है। 
  • यह मुख्य तौर पर त्वचा और आंखों के लिए सहायक होता है। यह खून को साफ करने में भी विशेष भूमिका निभाता है। 

कमी से होने वाले रोग Vitamin A Deficiency 

  • विटामिन ए की कमी से होने वाला मुख्य रोग रतौंधी या नाईट ब्लाइंडनेस है।
  • विटामिन ए की कमी से आँखे सूख जाती हैं और उनमें घाव बनने लगता है।
  • विटामिन ए की कमी से त्वचा, बाल, नाखून जैसे अंगों में कमजोरी आने लगती है। 
  • विटामिन ए की कमी से संक्रमित बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।

स्रोत Sources Of Vitamin A

विटामिन ए के मुख्य स्रोतों में फल, दूध, अंडा एवं मछली शामिल हैं। अत्यधिक तौर पर गाजर एवं सेबों के सेवन से भी प्रचुर मात्रा में विटामिन ए पाया जा सकता है। 

विटामिन बी Vitamin B 

विटामिन बी सभी विटामिनों में सबसे अधिक विस्तृत विटामिन है। इसके अपने प्रकार है जो कि बहुतेरे हैं। विटामिन बी के अलग अलग प्रकारों की कमियों से अलग अलग तरह की बीमारियां जन्म लेती हैं। विटामिन बी का कोई भी प्रकार एक दूसरे से समानता नहीं रखता। ये सभी एक दूसरे से पूर्णतः भिन्न हैं। 

सभी विटामिनों को एक साथ विटामिन बी कॉम्प्लेक्स कहा जाता है।

विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी से निम्न बीमारियां होती हैं :- 

  • हाथों एवं पैरों की उंगलियों में जकड़न होती है। 
  • शरीर के विभिन्न विभिन्न भागों में सूजन होने लगती है। 
  • घबराहट काफी ज्यादा होना विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी का लक्षण है। 
  • बी कॉम्प्लेक्स की कमी से आंखों पर भी असर पड़ता है। 
  • इससे मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती हैं। 
  • यह पाचन क्रिया को भी बुरी तरह प्रभावित करता है।

विटामिन बी कॉमप्लेक्स के स्रोत Sources of Vitamin B Complex 

विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के मुख्य स्रोतों में ताजी सब्जियां जैसे मटर, गाजर, आलू, सेम इत्यादि शामिल हैं। मछलियां, अंडे और फलों में, नारियल, पिस्ता, अंगूर, नारंगी शामिल हैं। गौरतलब है कि विटामिन बी कॉमप्लेक्स दूध और चावल की भूसी में भी पाया जाता है।

विटामिन बी के प्रकारउनके कमी से होने वाली बीमारियां और स्रोत

विटामिन बी1 (Vitamin B1) :- 

विटामिन बी1 को थायमीन भी कहा जाता है। इसकी कमी से होने वाला प्रमुख रोग बेरी बेरी है। यह जल में घुलनशील होता है, इस कारण यह मुख्यतः उन्ही खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जिनमें जल मौजूद होता है। इसके मुख्य स्रोत मटर की फलियां, दालें, सूखे मेवे और सबूत अनाज हैं। यह विभिन्न तरह के आटों में भी पाया जाता है।

विटामिन बी2 (Vitamin B2) :- 

विटामिन बी2 को राईबोफ्लेवीन कहा जाता है। इसकी कमी से होने वाले प्रमुख रोग काफी ज्यादा भयानक हैं। इसकी कमी से मुख्य रूप से त्वचा फटने लगती है और आंखें सुख जाती है और लाल हो जाती हैं। यह त्वचा  में सूखापन बढ़ा देता है जिससे कि चितके पड़ने लग जाती है और त्वचा में दरार पड़ जाती है। इसके मुख्य स्रोत दूध और पनीर हैं। 

विटामिन बी3 (Vitamin B3) :- 

विटामिन बी3 को नईसीन भी कहा जाता है। इसकी कमी से त्वचा पर दाद हो जाता है। यह जल में घुलनशील होता है इस कारण यह उन पदार्थों में मौजूद होता है जिनमें जल पाया जाता है। इसके मुख्य स्रोत साबुत अनाज, आटें और अनाज हैं।

विटामिन बी5 (Vitamin B5) :-

विटामिन बी5 को पेंटोथेनिक अम्ल कहा जाता है। यह शरीर में अम्लीय कमियों को पूरा करता है। इसकी कमी से होने वाली प्रमुख बीमारियां काफी ज्यादा मुश्किल से ठीक होती हैं। बालों का सफेद होना और मस्तिष्क का सुस्त होना इसकी कमी के लक्षण हैं। यह सीधा मस्तिष्क पर असर करता है। इसके मुख्य स्रोत :- साबुत अनाज और जलीय फल हैं।

विटामिन डी Vitamin D 

विटामिन डी सभी विटामिनों में प्रमुख विटामिन है। इसके दो अन्य प्रकार विटामिन डी2 और विटामिन डी3 हैं। हालांकि ये विटामिन इतने अधिक विस्तृत नहीं हैं कि इनके बारे में कुछ लिखा जा सके। विटामिन डी, सबसे महत्वपूर्ण विटामिन है। इसकी कमी से बहुत से रोग होते हैं। 

विटामिन D के लाभ Benfitis Of vitamin D

  • यह हड्डियों के लिए सहायक होता है। 
  • यह शरीर में पथरी होने से रोकता है। 
  • यह मस्तिष्क की सेहत के लिए भी काफी आवश्यक है। 

विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियां Vitamin D Deficiency 

  • विटामिन डी की कमी से शरीर की हड्डियां टूट सकती हैं। 
  • इसके कारण रिकेट्स नामक बीमारी होती है जो कि शरीर की हड्डियों से जुड़ी होती है। 
  • विटामिन डी की कमी से ब्लड प्रेशर काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
  • विटामिन डी की कमी मानसिक तौर पर भी काफी ज्यादा बुरा होता है। विटामिन डी की कमी से ज्यादा गुस्सा आता है, चिड़चिड़ा पन होने लगता है और डिप्रेशन भी हो सकता है। 
  • विटामिन डी की कमी से शरीर मे पथरी हो जाती है। 
  • विटामिन डी की कमी से कोलेस्ट्रोल बढ़ जाता है जो कि शरीर में कैल्शियम को खत्म कर देता है।

विटामिन डी के स्रोत Sources of Vitamin D

विटामिन डी को विभिन्न स्रोतों से हासिल किया जा सकता है। यह मुख्य तौर पर :- मछली के तेल, दूध और दुग्ध पदार्थों में पाया जाता है। 

विटामिन ई Vitamin E

विटामिन ई सहायक विटामिनों में से एक है। इसकी मुख्य तौर पर कोई भूमिका नहीं है। यह अक्सर विटामिन ए एवं दो डी के साथ लिया जाता है।

विटामिन  के लाभ Benefits Of Vitamin E 

  • विटामिन ई रक्त से जुड़ा होता है।
  • यह मुख्य तौर पर लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। 
  • यह ऊतकों एवं कोशिकाओं की झिल्ली के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाता है। 
  • यह एक एंटी ऑक्सीडेंट है और यह ऑक्सिजन रेडिकल्स नामक बीमारी से लड़ता है।

विटामिन  की कमी से होने वाली बीमारियां Vitamin E Deficiency 

  • विटामिन ई की कमी से रक्त कोशिकाओं के निर्माण में अवरोध उत्पन्न होता है।
  • यह जनन तंत्र में मुख्य भूमिका निभाता है, इस कारण विटामिन ई की कमी से जनन शक्ति कम हो जाती है।

विटामिन  के स्रोत Sources of Vitamin E 

विटामिन ई के मुख्य स्रोत ताजी सब्जियां हैं। यह वनस्पति के तेलों में भी पाया जाता है।

विटामिन के Vitamin K 

विटामिन के, सभी विटामिनों में सबसे निम्न विस्तार का विटामिन है। इसकी कमी से कोई भी प्रमुख रोग नहीं होता। हालांकि यह कुछ विटामिनों के साथ सहायक भूमिका भी निभाता है। विटामिन-के की कमी से रक्त का थक्का नहीं जमता और जख्म भरने में काफी ज्यादा समय लगता है। 

यह मुख्य तौर पर रक्त के बहाव में भूमिका निभाता है। विटामिन के को विभिन्न तरह के फलों एवं सब्जियों में पाया जा सकता है।

 

 


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